मुँह के कॅन्सर के शुरुवाती लक्षण और होने के कारण

oral cancer treatment

भारत में मुँह का कॅन्सर(Oral cancer) या ओरल कैंसर पुरुषों में सबसे आम कॅन्सर (सभी कॅन्सर का 11.28 %) है। और महिलाओं के बीच पाँचवा सबसे अधिक होने वाला कॅन्सर (सभी कॅन्सर का 4.3%) है। इसके अलावा दोनों पुरुष और महिलाओं में तीसरा सबसे अधिक होने वाला कॅन्सर है। मुँह के कॅन्सर को ओरल कॅन्सर के नाम से भी जाना जाता है । और यह मुँह की सेल्स के अनियंत्रित विकास की वजह से होता है। जिसमे जीभ, होंठ, गाल, मुँह का निचला हिस्सा, साइनस और गला शामिल होते हैं।

मुँह का कॅन्सर(Oral cancer) मुँह में कहीं भी, जीभ पर, होंठ पर, गालों के अन्दर, मुँह के ऊपरी या निचली सतह पर और सलीवरी ग्लैंड कहीं भी हो सकता है। शुरूआती दिनों में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते पर धीरे धीरे यह बढ़ता जाता है।

मुँह के कॅन्सर के प्रमुख लक्षण है-(Symptoms Of Oral Cancer In Hindi)

  • होंठ या मुँह पर न ठीक होने वाला छाला।
  • मुँह के किसी हिस्से का बढ़ना। मुँह से खून आना।
  • दांत ढीले हो जाना। मुँह में दर्द या खाना निगलने में कठिनाई।
  • गर्दन में अचानक गांठ हो जाना। कान में दर्द होना। अचानक से वजन घटना। होंठ, चेहरा, गर्दन, या ठोड़ी सुन्न हो जाना। गले में खराश।
  • मुँह ड्राय हो जाना। जबड़ा में दर्द या कठोरता। जीभ में दर्द होना।
  • मुँह या होठों पर सफेद, लाल धब्बे आना।

मुँह कॅन्सर होने के कारण:(Cause of Mouth Cancer In Hindi)

  • धूम्रपान: धूम्रपान मुँह के कॅन्सर के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार होता है। और सिगरेट, सिगार, या पाइप धूम्रपान करने वाले लोगों में मुँह के कॅन्सर का खतरा सबसे अधिक होता है।
  • तंबाकू के सेवन से: आप किसी भी रूप में अगर तम्बाकू खाते हैं तो यह भी मुँह के कॅन्सर(Oral cancer) का प्रमुख कारण बन सकता है।
  • अधिक मात्रा में शराब पीना। –
    ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) इंफेक्शन। –
    कमजोर इम्यून सिस्टम ।
  • तंबाकू की अनुपस्थिति में भी मुँह के कॅन्सर(Oral cancer) के विकास के लिए सुपारी , पान और सुपारी को एक मजबूत जोखिम कारक के रूप में जाना जाता है।
  • परिवार के इतिहास की वजह से भी मुँह के कॅन्सर(Oral cancer) का खतरा हो सकता है।
  • मुँह के कॅन्सर(Oral cancer) से बचने के लिए अच्छी खानपान की आदते बहुत जरुरी है।

 

डॉ. आशीष पोखरकर पिंपरी चिंचवड़ में कैंसर विशेषज्ञ और कैंसर सर्जन हैं। उन्होंने बी.जे. मेडिकल कॉलेज और ससून अस्पताल, पुणे से ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने कैंसर सर्जरी में सुपर स्पेशलाइजेशन पूरा किया। मुंबई के प्रसिद्ध टाटा मेमोरियल अस्पताल से एमसीएच किया है। एमसीएच पास करने के बाद, उन्हें टाटा मेमोरियल अस्पताल से मिनिमली इनवेसिव और रोबोटिक ओन्को सर्जरी में फेलोशिप के लिए चुना गया था। वह वर्तमान में मेडी पॉइंट अस्पताल, औंध में सलाहकार, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत हैं। पुणे के मोशी में उनका अपना पहला कैंसर क्लिनिक भी है।

वह जटिल लेप्रोस्कोपिक(Laproscopic) और रोबोटिक(Robotic) सर्जरी करने वाले कुछ सर्जनों में से एक हैं। उनका यह भी मानना है कि कैंसर रोगियों के सहानुभूतिपूर्ण उपचार से रोगियों को ठीक किया जा सकता है।