दुनियाभर में सिर और गर्दन के कैंसर के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है। एक अमेरिकन स्कूल ऑफ मेडिसिन ने इसपर रिसर्च किया है। इसके अनुसार पिछले बीस साल के दौरान युवाओं और किशोरों में सिर और गर्दन के कैंसर के मामलों में 51 फीसदी बढ़े हैं। भारत में भी हर साल इस कैंसर के 12 लाख नए मामले सामने आते हैं। सिर और गर्दन के कैंसर का एक समूह गले, स्वर यंत्र, नाक, साइनस या मुंह में या उसके आसपास के हिस्से में शुरु होता है उसे सिर और गले का कैसर कहते है l
इसके मुख्य पाच प्रकार होते है जैसे ओरल कैविटी,फैरिंग्स,लैरिंग्स,नेजल कैविटी और पैरानेजल साइनस
लार ग्रंथी lम्यूटेशन की वजह से शरीर के किसी भी हिस्से की कोशिका कैसरयुक्त बन सक्ती है l इसके लक्षण इस प्रकार है , नाक से खून आना,मुंह में गांठ या घाव जो ठीक न होना और जबड़े में दर्द और सूजन होनाl
कोशिकाओ का जीवनकाल बहुत कम होता हैं, इसलिये शरीर में इनके तुटने और नये बनने की प्रक्रिया निरंतर चालू रहती हैं l जब किन्ही कारणो से इस प्रक्रिया में बाधा आती हैं तो ये कोशिकाए अनियंत्रित रूप से बढना शुरु कर देती हैं और धीरे धीरे गांठ का रूप लेती हैं, इसेही कैसर कहते हैं l
सिर और गर्दन कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है ?
- सिर और गर्दन के कैंसर में अगर शुरुआती स्टेज हैं तो बायोप्सी के बाद सर्जरी की जाती हैं l अगर बिमारी दुसरी या तिसरी स्टेज में हैं तो किमोथेरोपी और रेडीएशन दी जाती हैं l
- सर्जरी -कैंसर को नष्ट करने के लिये सर्जरी करते है l l अगर कैसर फैलने की शंका हो तो डॉक्टर गले के लिम्फ नोड को भी हटा सकते है l
- केमोथेरेपी – इस प्रक्रिया में पुरे बॉडी से कैसर खत्म करनेवाली दवा दी जाती है l
- रेडीएशन – इसमे उच्च क्षमता युक्त किरणोके माध्यम से कैसर सेल्स को नष्ट किया जाता है l रेडीएशन इंटरनल और आउटर ऐसे दोनो प्रकारो से दिये जा सकते है l
- इस कैंसर के उपचार के बाद भी मरीजोको चिकित्सा की जरुरत होती हैंl इसलिये कैंसर विशेषज्ञ से सलाह लेl शुरुवात मे ही अगर इलाज हो तो सिर और गर्दन के कैंसर का इलाज करना संभव हो सकता हैl
डॉ. आशिष पोखरकर हे पुण्यातील कॅन्सर तज्ज्ञ आणि कॅन्सर सर्जन आहेत. त्यांनी बी.जे. मेडिकल कॉलेज आणि ससून हॉस्पिटल, पुणे येथून पदवी पूर्ण केली. ग्रॅज्युएशन पूर्ण केल्यानंतर, त्यांनी कर्करोग शस्त्रक्रियेतील सुपर स्पेशलायझेशन पूर्ण केले. मुंबईतील प्रख्यात टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, येथून एमसीएच पदवी प्राप्त केली. एमसीएच उत्तीर्ण झाल्यानंतर त्याची टाटा मेमोरियल हॉस्पिटलमधून मिनिमली इनवेसिव्ह आणि रोबोटिक ऑन्को सर्जरीमध्ये फेलोशिपसाठी निवड झाली. सध्या ते मेडी पॉइंट हॉस्पिटल, औंध येथे सल्लागार सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट म्हणून काम करतात. तसेच त्यांचे मोशी,पुणे स्वतःचे प्रथमेश कॅन्सर क्लिनिक देखील आहे.